सहारा इंडिया परिवार ने लंबे समय से अपने निवेशकों को परेशान किया है। लाखों लोग अपनी जमा राशि वापस पाने के लिए इंतजार कर रहे थे। अब केंद्र सरकार ने रिफंड लिस्ट जारी कर दी है, जिससे निवेशकों में खुशी की लहर दौड़ गई है।
यह लिस्ट सहारा इंडिया परिवार की विभिन्न कंपनियों से जुड़ी है। इसमें सहारा इंडिया थ्रीसी लिमिटेड, सहारा इंडिया इकोनॉमिकल डेवलपमेंट एंड इनवेस्टमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड और अन्य योजनाओं के नाम शामिल हैं।
सरकार ने सेबी और अन्य एजेंसियों के माध्यम से यह प्रक्रिया शुरू की है। निवेशक अब ऑनलाइन पोर्टल पर अपना नाम चेक कर सकते हैं। यह कदम निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए उठाया गया है।
Sahara Refund List
सहारा इंडिया परिवार ने १९८० के दशक से विभिन्न बचत योजनाएं चलाईं। इनमें मुख्य रूप से सावधि जमा योजनाएं, मासिक आय योजनाएं और दोहरी लाभ योजनाएं शामिल थीं।
लाखों छोटे निवेशकों ने अपनी मेहनत की कमाई इन योजनाओं में लगाई। कंपनी ने आकर्षक ब्याज दरें का वादा किया था। लेकिन २०११ के बाद भुगतान रुक गया।
ये योजनाएं अनियमित पाई गईं। सुप्रीम कोर्ट ने २०१२ में इन पर रोक लगा दी। इसके बाद रिफंड प्रक्रिया शुरू हुई।
रिफंड लिस्ट जारी होने का कारण
केंद्र सरकार ने क्रेडिटा इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट के तहत रिफंड प्रक्रिया चलाई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यह लिस्ट जारी की गई। इसमें २.३३ करोड़ रुपये तक के छोटे निवेशकों को प्राथमिकता दी गई।
सेबी ने पोर्टल तैयार किया है। निवेशक जो २०१० से पहले जमा कर चुके थे, वे योग्य हैं। बड़ी राशि वाले मामलों को अलग से देखा जा रहा है।
यह लिस्ट चरणबद्ध तरीके से जारी हो रही है। पहले चरण में छोटे निवेशकों को भुगतान हो चुका है। अब नई लिस्ट में और नाम जोड़े गए हैं।
कौन सी योजनाओं पर लागू होता है रिफंड
मुख्य योजनाएं हैं सहारा इंडिया एसएफसीआई, सहारा इंडिया एसआईसीआई और सहारा इंडिया एसआईआरआई। इनमें मासिक ब्याज वाली योजनाएं प्रमुख हैं।
दोहरी लाभ योजना में मूलधन और बोनस का वादा था। सावधि जमा में ३ से ६ साल की अवधि थी। सभी पर ब्याज दर १५ से २० प्रतिशत तक थी।
सरकार ने इन योजनाओं को पोंजी स्कीम जैसी घोषित किया। लेकिन छोटे निवेशकों को राहत देने के लिए रिफंड स्वीकृत किया। कुल २५ हजार करोड़ रुपये का भुगतान प्रस्तावित है।
सरकार और सुप्रीम कोर्ट की भूमिका
सुप्रीम कोर्ट ने २०१४ में सहारा समूह को जमीन बेचने का आदेश दिया। इससे प्राप्त राशि से रिफंड किया जा रहा है।
सेबी और सीआरए ने डेटा वेरिफिकेशन किया। निवेशकों के दावों की जांच हुई। वैध दावों पर ही भुगतान हो रहा है।
केंद्र सरकार ने विशेष पोर्टल बनाया। यह पोर्टल मंत्रालय ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स के अधीन है। निवेशक आसानी से स्टेटस चेक कर सकते हैं।
आवेदन कैसे करें: चरणबद्ध प्रक्रिया
रिफंड के लिए सबसे पहले आधिकारिक पोर्टल पर जाएं। अपना नाम, मोबाइल नंबर और पैन डिटेल्स दर्ज करें।
पोर्टल पर लिस्ट चेक करें। यदि नाम है तो ईमेल या एसएमएस से लिंक मिलेगा। दस्तावेज अपलोड करें जैसे पासबुक, चालान कॉपी।
वेरिफिकेशन के बाद बैंक खाते में राशि ट्रांसफर हो जाएगी। प्रक्रिया में ३० से ९० दिन लग सकते हैं। यदि नाम न हो तो अपील करें।
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज:
- मूल पासबुक या रसीद
- पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड
- बैंक पासबुक कॉपी
- निवेश का प्रमाण
प्रक्रिया ऑनलाइन है। कोई शुल्क नहीं लगता। हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।
निवेशकों को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए
कई फर्जी वेबसाइटें घूम रही हैं। केवल आधिकारिक पोर्टल इस्तेमाल करें। कोई एजेंट को पैसे न दें।
यदि रिफंड न मिले तो कोर्ट या सेबी से शिकायत करें। समय सीमा का ध्यान रखें। पुराने दावे रद्द हो सकते हैं।
निवेश से पहले हमेशा रजिस्टर्ड कंपनियों का चयन करें। उच्च ब्याज का लालच न करें।
रिफंड की प्रगति और भविष्य
अब तक १.४ लाख निवेशकों को रिफंड मिल चुका। अगले चरण में और ५ लाख नाम जारी होंगे। पूरी प्रक्रिया २०२६ तक चलेगी।
सहारा समूह की संपत्तियों से फंड जुटाया जा रहा। निवेशकों को धैर्य रखना होगा।
यह कदम वित्तीय धोखाधड़ी रोकने में महत्वपूर्ण है। सरकार अन्य कंपनियों पर भी नजर रख रही।
सहारा रिफंड लिस्ट जारी होना निवेशकों के लिए बड़ी राहत है। प्रक्रिया जारी रहेगी। सभी योग्य लोग लाभान्वित होंगे। धैर्य रखें और आधिकारिक तरीके अपनाएं।


